Why Did the Stock Market Crash Today? 5 Key Reasons Behind the Fall
शेयर बाजार की चाल हमेशा निवेशकों के लिए एक पहेली जैसी होती है। कभी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचता है तो कभी अचानक गिरावट से निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है। आज भारतीय शेयर बाजार में कुछ ऐसा ही हुआ, जहां Sensex ने 800 अंकों की गिरावट दर्ज की और Nifty 23,200 के स्तर से नीचे आ गया। इस गिरावट ने न केवल निवेशकों को हिला दिया बल्कि कई सवाल खड़े कर दिए कि आखिर ये गिरावट क्यों हुई? इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि आज के शेयर बाजार में गिरावट के क्या कारण हैं, विशेषज्ञों की राय और निवेशकों को आगे क्या कदम उठाने चाहिए।
Table: Key Highlights of the Stock Market Crash
Parameter | Details |
---|---|
Date | January 21, 2025 |
Sensex Fall | 800 Points |
Nifty Level | Below 23,200 |
Top Losers | Trent, Adani Ports, SBI, ICICI Bank |
Sectoral Impact | Consumer Durables, Realty, Midcaps |
Rupee Value | ₹86.62 Against USD |
Crude Oil Price | Above $80/barrel |
Major Cause | FII Selling, Global Cues, Rupee Depreciation |
Introduction
आज भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों ने बड़ी गिरावट का सामना किया। Sensex और Nifty में तेज गिरावट दर्ज की गई, जिसने बाजार को लाल निशान में धकेल दिया। इस गिरावट की वजहें वैश्विक संकेतों से लेकर घरेलू मुद्दों तक फैली हुई हैं। यहां हम उन 5 प्रमुख कारणों पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने इस गिरावट को बढ़ावा दिया।
1. Global Market Cues and Trump’s Tariff Plans
डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने की संभावना जताई। हालांकि, अभी तक कोई ठोस घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इस असमंजस ने उभरते बाजारों, जैसे कि भारत, में बिकवाली को बढ़ावा दिया है।
Geojit Financial Services के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार का कहना है कि ट्रंप की टैरिफ नीतियों की अस्पष्टता बाजार की अस्थिरता का मुख्य कारण है। यदि टैरिफ में देरी होती है, तो इससे डॉलर और बॉन्ड यील्ड पर असर पड़ सकता है, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों को फायदा हो सकता है।
2. Sustained FII Selling Spree
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं। जनवरी 2025 में अब तक ₹50,912.60 करोड़ मूल्य के शेयरों की बिक्री की गई है। यह विदेशी निवेशकों द्वारा तेजी से हो रही पूंजी निकासी का संकेत देता है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।
Mehta Equities Ltd के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे का मानना है कि जब तक अमेरिकी बॉन्ड यील्ड स्थिर नहीं होती, एफआईआई की बिकवाली जारी रह सकती है। बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
3. Rupee Depreciation and Currency Risks
भारतीय रुपये में भी ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया ₹86.62 के स्तर तक पहुंच गया, जो दो साल में सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ाता है और भारतीय बाजारों में निवेश को हतोत्साहित करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) विदेशी मुद्रा भंडार को नियंत्रित करने के लिए रुपये को जानबूझकर गिरने दे रहा है।
4. Rising Crude Oil Prices
ब्रेंट क्रूड की कीमतें $80 प्रति बैरल के पार चली गईं। यह वृद्धि मुख्य रूप से रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों और आपूर्ति की कमी के कारण हुई है। उच्च तेल कीमतों से मुद्रास्फीति की चिंता बढ़ जाती है, जिससे RBI दरों में कटौती करने से हिचकिचा सकता है।
5. Economic Slowdown and Earnings Downgrades
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीमी हो गई है। FY25 के लिए GDP विकास दर को घटाकर 6.4% कर दिया गया है। इसके अलावा, तीसरी तिमाही के परिणाम उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ।
Sectoral Performance and Top Losers
आज की गिरावट व्यापक थी, जहां सभी प्रमुख सेक्टर लाल निशान में रहे।
- Consumer Durables: 3.38% की गिरावट
- Realty Index: 2.67% की गिरावट
- Midcap Financial Services: 2.05% की गिरावट
स्टॉक्स की बात करें तो Zomato 10.98% की गिरावट के साथ सबसे बड़ा नुकसान झेलने वाला स्टॉक रहा। इसके अलावा, Adani Ports और Reliance Industries ने भी बड़ी गिरावट दर्ज की।
Expert Insights and Investor Takeaways
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा गिरावट ने बड़े कैप स्टॉक्स को निवेश के लिए आकर्षक बना दिया है। Samachar Alerts के अनुसार, निवेशकों को उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि बाजार स्थिर होने के बाद ये स्टॉक्स अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
Conclusion
आज का बाजार निवेशकों के लिए एक कठिन दिन साबित हुआ। हालांकि, इस तरह की अस्थिरता में धैर्य बनाए रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के लिए सही निवेश रणनीति और उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स पर फोकस करने से निवेशक भविष्य में लाभ उठा सकते हैं।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिमपूर्ण हो सकता है।
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