JD Vance's Historic Oath as Vice President of the United States
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क्या JD Vance ने इतिहास रच दिया? जानें उसकी यात्रा और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उद्घाटन से जुड़ी बड़ी खबरें

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JD Vance ने हाल ही में इतिहास रचते हुए 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। 40 साल के Vance ने ऐसा कर के एक नया इतिहास लिखा, क्योंकि वह 1909 के बाद से पहला उपराष्ट्रपति बने, जिनके पास दाढ़ी थी। इस लेख में हम JD Vance की इस ऐतिहासिक यात्रा और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही हम आपको बताएंगे कि किस तरह से यह घटनाएँ अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ले आईं हैं।

JD Vance: ऐतिहासिक शपथ ग्रहण

JD Vance ने 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और ऐसा करते हुए उन्होंने एक ऐतिहासिक कदम उठाया। 1909 के बाद पहली बार एक उपराष्ट्रपति दाढ़ी में दिखे, जो कि एक बड़ा बदलाव था। इसके पहले, चार्ल्स डब्ल्यू. फेयरबैंक्स (Charles W. Fairbanks) ने 1905 से 1909 तक राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट के अधीन दाढ़ी रखी थी।

उधर, अमेरिका में पिछले कई दशकों से उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति के चेहरे पर दाढ़ी या मुछें नहीं देखी गई थीं। 1933 के बाद से यह एक असामान्य बात बन गई थी। हालाँकि, अब JD Vance के साथ इस परंपरा का पुनरुद्धार हुआ है।

Important Information Table:

EventDetails
Inauguration DateJanuary 2025
PresidentDonald Trump
Vice PresidentJD Vance
Historical FirstsFirst VP with beard since 1909
Age of President78 years (oldest US President)
Age of Vice President40 years (youngest millennial VP)
VP Previous Bearded HoldersCharles W. Fairbanks (1905-1909)

A Historic Inauguration Ceremony

इस उद्घाटन समारोह ने अमेरिकी राजनीति के इतिहास में कई महत्वपूर्ण बदलावों को देखा। जहाँ एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने 78 साल की उम्र में सबसे पुराने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, वहीं दूसरी तरफ JD Vance ने सबसे युवा उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। Vance की उम्र 40 साल है, जो कि एक नया रिकॉर्ड है और वह तीसरे सबसे युवा उपराष्ट्रपति हैं।

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उद्घाटन समारोह, जो कि ठंड के कारण कैपिटल रोटुंडा में आयोजित किया गया, में कई महत्वपूर्ण नेताओं, प्रभावशाली व्यापारियों और ग्लोबल पावर प्लेयरों की उपस्थिति रही। इसमें पारंपरिक संगीत और मनोरंजन का भी आयोजन किया गया।

A Return of Facial Hair in US Politics

अमेरिकी राजनीति में दाढ़ी का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन पिछले करीब 100 सालों से कोई भी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति दाढ़ी के साथ शपथ नहीं ले पाया था। जैसा कि हमने देखा, डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन में यह बात बदल गई और JD Vance ने एक नई शुरुआत की।

राजनीतिक शिखर पर चेहरे पर बाल रखना अब एक नई पहचान बन चुका है, और यह बदलाव Vance के रूप में सामने आया।

Personal Background of JD Vance

JD Vance, जिनका जन्म 1984 में हुआ था, एक मशहूर लेखक और वेंचर कैपिटलिस्ट हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक Hillbilly Elegy के माध्यम से अमेरिकी कार्यक्लास की समस्याओं को उजागर किया था। इसके अलावा, उन्होंने 2019 में कैथोलिक धर्म अपनाया, और उनकी पत्नी उषा वेंस भारतीय आप्रवासी परिवार से हैं, जो अब अमेरिका की पहली एशियाई अमेरिकी सेकंड लेडी बन चुकी हैं।

JD Vance के जीवन में इस बदलाव को देखकर उनके समर्थक और आलोचक दोनों ही इस पर गहन विचार कर रहे हैं, और यह भविष्य में अमेरिकी राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है।

Political Significance of JD Vance’s Rise

JD Vance का वेंचर कैपिटलिस्ट से उपराष्ट्रपति तक का सफर अमेरिकी राजनीति में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। उनकी स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि रिपब्लिकन पार्टी अब एक नए दृष्टिकोण की ओर बढ़ रही है, जिसमें लोकलुभावन विचारधाराओं को महत्व दिया जा रहा है। उनकी नीति, जो कि राष्ट्रपति ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत के साथ मेल खाती है, अमेरिका के कामकाजी वर्ग के लिए एक नई दिशा प्रदान कर सकती है।

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Looking Ahead: JD Vance’s Role as Vice President

JD Vance के उपराष्ट्रपति बनने से यह स्पष्ट होता है कि वह घरेलू नीतियों, खासकर कामकाजी वर्ग के मुद्दों को लेकर एक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। उनके व्यक्तिगत अनुभव और दृष्टिकोण से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह आगामी वर्षों में आर्थिक और सामाजिक नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। उनके योगदान से न सिर्फ रिपब्लिकन पार्टी को फायदा होगा, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति को भी एक नया दिशा दे सकता है।

Fact Check: Trump’s Inaugural Speech Falsities

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन भाषण में कुछ बेतुके दावे किए गए थे, जिनमें से एक यह था कि चीन से आयात पर लगाए गए टैरिफ़ की लागत विदेशी देशों द्वारा चुकाई जाएगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि ये टैरिफ़ अमेरिकी आयातकों द्वारा चुकाए जाते हैं, और अंत में उनकी लागत अमेरिकी उपभोक्ताओं तक पहुंचती है।

इसके अलावा, ट्रंप ने एक नए “External Revenue Service” के गठन का भी उल्लेख किया, जिससे आयातों पर टैरिफ से प्राप्त राजस्व एकत्र किया जाएगा। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई यह है कि अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता इन टैरिफ़ की सबसे अधिक कीमत चुकाते हैं।

Trump’s Policies on Diversity and Inclusion

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में सरकारी विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों को समाप्त करने का वादा किया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी समाज को रंगभेद और लिंग से मुक्त एक “मेरिट-बेस्ड” समाज बनाना होगा, जिसमें सिर्फ दो लिंग माने जाएंगे: पुरुष और महिला।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है। Samachar Alerts ने इस जानकारी को सत्यापित किया है, लेकिन किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटनाओं के लिए उत्तरदायी नहीं है।

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